ओंकारेश्वर ( नि प्र ) तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में नर्मदा के तट पर 16 दिवसीय श्राद्ध पक्ष के प्रारंभ नर्मदा के तट भगवान ओकारेश्वर पर तर्पण एवं श्राद्ध करने का अनंत गुना मिलता है फल 13 सितंबर से प्रारंभ हुआ 16 दिवसीय श्राद्ध पक्ष 18 सितंबर को समाप्त होगा अपने पितरों पूर्वजों मृत आत्माओं की शांति के लिए तर्पण कर्म सभी वर्गों द्वारा किया जाता है तर्पण करने से अधोगति से एवं सामाजिक मौत होने पर दिवंगत आत्माओं की शांति एवं उनके आशीर्वाद निमित्त 16 दिनों तक श्राद्ध तर्पण एवं ब्रह्म भोज का कर्म किया जाता है
इसी कड़ी में ज्योतिर्लिंग भगवान ओकारेश्वर नर्मदा तट पर भी ब्राह्मणों द्वारा अपने पितरों की शांति के निमित्त नर्मदा तट पर पहुंचकर पंडित रुख मांगद शुक्ला के आचार्यत्व मे पुण्य सलिला मां नर्मदा के तट पर नाना .मामा .दादा. तथा ससुराल पक्ष के समय असमय मृत आत्माओं को दूध .जऊ .कालीतिल .शहद .इत्यादि सामग्री से नर्मदा के तट पर पहुंचकर विधि-विधान से तर्पण कर्म किया जा रहा है परिवार में दिवंगत हुए लोगों के तिथि आने पर भोजन करवाकर कौवे को ग्रास भिखारियों को भोजन कराने का कर्म जारी है
पंडित दीपक दुबे . पंडित अनिल दुबे जय प्रकाश पुरोहित ने बताया कि हम बड़े भाग्यशाली हैं पुण्य सलिला मां नर्मदा के तट जहां ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकारेश्वर ममलेश्वर के पवित्र तट जहां पुण्य सलिला मां नर्मदा नदी बह रही हो वहां तीनों पुरीयो में ब्रह्मेश्वर. विष्णु. शिव जी विराजमान हैं इन्हें साक्षी मानकर पितरों के निमित्त नर्मदा के तट पर तर्पण कर्म कर रहे हैं जिससे बुजुर्गों का मृत आत्माओं का आशीर्वाद सदैव परिवार पर बना रहे
उल्लेखनीय है कि ओमकारेश्वर के निकट अति प्राचीन गया जिला नामक पवित्र स्थान है जहां प्रतिवर्ष पंडित धर्मेंद्र पाठक के द्वारा दूर दूर से आए भक्तों को श्राद्ध पक्ष में श्राद्ध एवं तर्पण कर्म विधि विधान से कराया जा रहा है गया शीला मैं तर्पण कराने का फ्ल गया जी में किए हुए कर्मों के बराबर मिलता है