हनी ट्रेप मामलाहुस्न के जाल में फंसने वाले को रखते थे दहशत में

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इंदौर। हनी ट्रेप मामले में पकड़ाई पांचों युवतियां इतनी शातिर है कि जो भी रसूखदार उनके हुस्न के जाल में फंस जाता था वह इनकी दहशत में रहता था। बताया जाता है कि उसे वीडियो दिखाकर ब्लेकमेलिंग करते हुए या तो एक करोड़ रुपए की मांग की जाती थी या फिर उसके रसूख को देखते हुए बड़ा काम निपटाने की डील होती थी। पुलिस को इन युवतियों से अब की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है। पुलिस ने इनके पास से भोपाल और इंदौर से कई सीडियां व लैपटाप जब्त किया है, जिसकी जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि इनकी जांच में और भी खुलासे हो सकते हैं। उधर, पुलिस का यह भी मानना है कि इस गिरोह में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनका पता लगाया जा रहा है। 
नगर निगम के इंजीनियर हरभजनसिंह की शिकायत के बाद पुलिस ने जाल बिछाया और ब्लेकमेलिंग के मामले में  आरती दयाल आरती दयाल पति पंकज दयाल (29) साल निवासी सागर लेंडमार्क मिनाल रेसीडेन्सी भोपाल, मोनिका यादव पिता लाल यादव (18) निवासी ग्राम सवस्या तहसील नरसिंहगढ जिला राजगढ़, ओमप्रकाश कोरी पिता रामहर्ष कोरी (45) साल निवासी आदमपुर छावनी थाना बिलखिरिया भोपाल को पकडा। इनसे हुई पूछताछ के बाद श्वेता जैन पति विजय जैन (39) साल निवासी जे 394 मिनाल रेसीडेंसी भोपाल को पकड़कर उसके कब्जे से 14 लाख ,17000 रुपए रुपये नगद व मोबाईल फोन बरामद हुये हैं। साथ्ज्ञ ही इनकी अन्य साथी  श्वेता जैन पति स्वपनिल जैन (48) निवासी रेवेरा टाउनि भोपाल एवं बरखा सोनी पति अमित सोनी (34) निवासी कोटरा सुल्तानाबाद को गिफ्तार किया। सभी को कल कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है। 
हिडन कैमरे का उपयोग 
सूत्र बताते हैं कि भोपाल में जब युवतियों को पकड़कर उनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि युवतियां रसूखदार (शासकीय अधिकारी या राजनेता)को अपना शिकार बनाती थी। उसे अपने हुस्न के जाल में फांसने के बाद मुलाकात होती थी और फिर किसी होटल  या अन्य जगह पर हिडन कैमरे या बिना सिम वाले मोबाइल की मदद से वीडियो बना लिया जाता था। इस वीडियो को करीब 15 से 20 दिन के बाद उसे पहुंचाया था। इसी को दिखाकर ब्लेकमेलिंग करते हुए एक करोड़ रुपए से या फिर कोई बड़ा काम निपटाने की मांग की जाती थी। हरभजनसिंह से भी इसी तरह से रुपयों की मांग की गई थी। उन्होंने तीन करोड़ रुपए जितनी बड़ी रकम देने से मना कर दिया था और पुलिस में शिकायत कर दी। इसके बाद ही इस पूरे मामले का भंडाफोड़ हो सका। 
आठ सिम, लैपटाप और सीडी 
ब्लेकमेलर युवतियों के पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद पुलिस ने जहां आरती के पास से आठ मोबाइल सिम, लैपटाप और इंदौर व भोपाल से सीडियां बरामद की है। इनकी जांच की जा रही है। बताया जाता है कि लैपटाप में भी पुलिस को वीडियो मिले हैं, जिसके आधार पर माना जा रहा है कि हरभजन को अपना शिकार बनाने के अलावा इन युवतियों ने अन्य को भी ब्लेकमेल किया है। 
मध्यप्रदेश के बाहर भी बनाए शिकार
सूत्र बताते हैं कि जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने मध्यप्रदेश ही नहीं, महाराष्ट्र और राजस्थान के भी प्रशासनिक सेवाओं के कई अफसरों को शिकार बनाया है। एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड के पास इंदौर से इनपुट मिला था कि कुछ महिलाएं हनीट्रैप कर अधिकारियों, व्यापारियों और नेताओं को अपने जाल में फंसा रही हैं। एटीएस की जिम्मेदारी थी कि इस पूरे गिरोह को ध्वस्त किया जाए। इसके बाद अधिकारियों ने कार्रवाई की। 
ये रहते थे टारगेट 
अपने हुस्न के जाल में किसी रसूखदार को फांसने के लिए पूरा प्लान बनाया जाता था। इस के टारगेट पर राजनीति में आने वाले नए नेता होते थे। वे नए नए रसूख के चलते आसानी से जाल में फंस जाते थे। साथ ही शासकीय अधिकारी भी इनका निशाना रहते थे। हालांकि इस गिरोह की महिलाएं मंजे हुए जनप्रतिनिधियों के संपर्क में भी रह चुकी हैं। उनके फुटेज भी जांच पुलिस बरामद कर चुकी है। उधर, इंदौर पुलिस के साथ-साथ भोपाल एटीएस भी इस मामले में जांच कर रही है। 
ठेकेदारों पर भी कसेगा शिकंजा 
पुलिस की गिरफ्त में आई श्वेता जैन के बारे में पता चला है कि वह एनजीओ का संचालन करने के साथ ही एक फैक्ट्री भी चलाती है। अपने भाई को उसने कई शासकीय ठेके दिलवायें हैं। ऐसे में अब पुलिस उन ठेकेदारों पर भी शिकंजा कसेगी, जिन्होंने इन ब्लैकमेलर युवतियों के जरिये ठेके हथियाए हैं। फिलहाल इनकी जानकारी जुटाई जा रही है।