इंदौर। वर्तमान में प्रयोग और भविष्य में उसका स्वरूप कैसा हो जिसे हम अगली पीढिय़ों को सौंपे। जीवन में भावना योग को आत्मसात कर ही भारत को हम विश्वगुरु के रूप में स्थापित कर सकते हैं। जिससे भारत आधायत्म योगी के ब्रांड के रूप में स्थापित हो । जब से दूसरे और चौथे शनिवार बैंक बंद रहने लगे हैं, इस कामकाजी दिन भी ऐसा लगता है जैसे कोई एक काम का बोझ हम पर से उतर गया जिसे भी आवश्यकता होती है वो इन दिनों की परेशानी से बचने पहले ही अपना इंतज़ाम कर लेता है। ये बात दिखने में तो छोटी सी हैं लेकिन इस नियम से आप को जो आत्मिक शांति मिलती है वो अवर्णनीय है। ऐसी ही छोटी छोटी आंतरिक खुशियों को हम ढूढें तो कई अवसर ऐसे मिल जायेंगें जिन्हें पहचान हम जीवन को उत्सव में बदल सकते हैं । देवी अहिल्या विश्वविद्धालय रविंद्र नाथ टैगोर मार्ग के सामने एक व्यावसायिक संकुल में सब ई-डिवाइन सोल की अनंत सुख की यात्रा मेडिटेशन ऑफ फ़ीलिंग्स के ध्यान योग में अरहैटिक योगा या प्राणिक हीलिंग किया गया। इस अवसर पर युवाओं ,डॉक्टर्स ,प्रोफेशनल्स और छात्रों के अलावा शहर की कई नामवर हस्तियां भी उपस्थित थी जिनमे संगीत से स्वास्थ्य और मानसिक शांति के प्रणेता नाद ब्रह्म के श्री मोहन शर्मा ,श्री एवं श्रीमती भारतीय ,श्री अतुलजी झामड़ एवं नृत्य प्रशिक्षिका निधि शर्मा आदि। कार्यक्रम के अनुरूप गरिमामयी अद्भुत संचालन डा. मोनिका भाटिया और श्री नमन डोशी द्वारा किया गया।
अनंत सुख की यात्रा मेडिटेशन ऑफ फ़ीलिंग्स