देशभर मे दशहरे के मौके पर रावण दहन किया जाता है वहीं इतिहास और इत्र की नगरी कन्रौज में रावण दहन शरद पूर्णिमा के दिन किया जाता है। यहां दशहरा वाले दिन रावण दहन न होकर शरद पूर्णिमा वाले दिन रावण वध और रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता है। इसके पीछे कान्यकुब्ज ब्राह्मणों की मान्यता है कि दशहरे पर राम ने रावण को तीर मारकर धराशाई किया था लेकिन रावण ने अपने प्राण शरद पूर्णिमा वाले दिन ही त्यागे थे इस वजह से रावण का अंत शरद पूर्णिमा को ही हुआ और यही कारण है कि कन्नौज में शरद पूर्णिमा पर रावण दहन किया जाता है।
पारंपरिक तरीके से होता है रामलीला का आयोजनः कन्नौज शहर में पारंपरिक तरीके से दो स्थानों पर रामलीला का आयोजन किया जाता है पहला स्थान है ग्वाल मैदान। यहां आदर्श रामलीला के बैनर तले रामलीला का शुभारंभ सन 1880 में हुआ था। इस रामलीला में शुरुआत से ही रावण दहन शरद पूर्णिमा वाले दिन ही किया जाता है। इतिहासकार बताते हैं कि रावण ने शरद पूर्णिमा के दिन ही प्राण त्यागे थे, इस बीच उन्होंने लक्ष्मण जी को ज्ञान दिया था।
कन्नौज में शरद पूर्णिमा पर होता है रावण दहन, यहां छिपा है दशानन की मौत का असली राज