करोड़ों की आवंटित जमीन निरस्त, अब बनेगा उद्यान

इंदौर। हाईकोर्ट जज एस सी शर्मा और शैलेन्द्र शुक्ला की डबल बेंच पीठ ने इंदौर के स्कीम नंबर 54 मे आनंद मोहन माथुर सभागृह की सामने नगर निगम के स्वामित्व की 61 हजार वर्ग फीट बेश कीमती जमीन आवंटन को निरस्त कर दिया है। सन 2004 में इंदौर नगर निगम की तत्कालीन महापौर परिषद् के पारित प्रस्ताव क्रमांक 655 दिनांक 22 सितंबर 2004 के आदेश को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। 


नगर निगम इंदौर के स्वामित्व की बापट चौराहे के समीप राजेन्द्र मोहन माथुर सभागृह से लगी बेशकीमती जमीन को नगर निगम द्वारा 2004 में इंदौर की एक संस्था को कौडिय़ों के दाम आवंटित कर दी गई थी। इस जमीन के मामले में कोर्ट में दायर एक पीटिशन पर कोर्ट ने निर्णय देते हुए जमीन की लीज निरस्त कर दी तथा नगर निगम को आदेशित किया है कि उक्त जमीन उद्यान की है और नगर निगम को वहां उद्यान बनाना होगा। ज्ञात रहे कि नगर निगम की यह 61 हजार वर्ग फीट जमीन का शासकीय लैंड यूज गार्डन और पार्क के लिए था। जिसे तत्कालीन महापौर परिषद् ने बिना मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के नियमों और कानूनों का पालन किए और बिना किसी अधिकार के एक संस्था को मात्र 81 लाख रुपए में दे दी थी। जबकि यह जमीन करोड़ों रुपए मूल्य की है। गौरतलब है कि उपरोक्त जमीन पर पहले सेपटिक टैंक था उसे निकलवा कर वहां एक दैनिक अखबार की सहयोगी कंपनी को 10 मंजिला बिल्डिंग बनाने की अनुमति भी दे दी थी।