डीएनए रिपोर्ट ने दिलाई माता-पिता को दस साल की सजा
रतलाम. नाले के कचरे में फेंकी नवजात की मौत के मामले में डीएनए रिपोर्ट, डॉक्टर के बयान और कबूलनामे ने आरोपियों को 10 साल के लिए जेल भिजवा दिया। अवैध संबंध से युवती गर्भवती हो गई और डिलेवरी के बाद उसने सहेली की मदद से नवजात बेटी को कचरे में फिंकवा दिया जहां मौत हो गई। आपराधिक मानव वध का आरोप सिद्ध होने पर न्यायाधीश विवेक कुमार श्रीवास्तव ने कथित माता-पिता और मां की सहेली को 10-10 साल कारावास की सजा सुनाई। तीन धाराओं में तीनों पर एक-एक हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। सुनवाई के दौरान आरोपी युवक-युवती ने शादी कर ली।
अपर लोक अभियोजक केके चौहान ने बताया 16 जनवरी 2017 को दोपहर 1.40 बजे मोतीनगर के कच्चे नाले में नवजात बालिका का शव मिला। इसके बाएं पैर की जांघ, घुटना और पुट्ठे को जंगली जानवर ने नोच लिया था।
दीनदयाल नगर थाने से मौके पर पहुंचे एएसआई सरदारसिंह पंवार ने जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया और शव को खेतलपुर श्मशान में दफनाया। मोहल्ले के लोगों से पूछताछ में स्पष्ट हुआ मोतीनगर निवासी मीनल उर्फ बेबी और सोनू उर्फ चेतन के बीच प्रेम संबंध थे और मीनल गर्भवती हो गई थी। मीनल ने बताया 15 जनवरी को डिलेवरी के बाद बालिका को कपड़े में लपेटकर सहेली अफसाना उर्फ मोना को फेंकने के लिए दिया था। अफसाना ने नाले के कचरे में बालिका को फेंकने के बाद कपड़ा अपने घर में छिपाकर रख दिया। पुलिस ने अफसाना के घर से खून से सना कपड़ा जब्त कर आरोपी मीनल पिता रामेश्वर जटिया, अफसाना उर्फ मोना पति जब्बार खां तथा संजू उर्फ चेतन पिता दूलीचंद को गिरफ्तार किया और न्यायालय में चालान पेश किया। आरोप सिद्ध होने पर न्यायाधीश विवेककुमार श्रीवास्तव ने आपराधिक षड़यंत्र और नवजात शिशु को लावारिस फेंकने की धाराओं में 7-7 साल कारावास और एक-एक हजार रुपए अर्थदंड तथा आपराधिक मानव वध की धारा में 10-10 साल कारावास और एक-एक हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया।
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