इंदौर। धर्म जीवन को संवारने की कला है। दीन-दुखी और जरूरतमंद की मदद करना ही सच्चा धर्म होता है। वह धर्म किसी काम का नहीं, जिसमंे केवल अपना भला होता है, दूसरांे का नहीं।
ये दिव्य विचार हैं कोलकाता के युवा भागवत मनीषी श्रीकृष्णानुरागी पं. शिवम विष्णु पाठक के, जो उन्होंने कनाड़िया रोड, वैभव नगर स्थित रिवाज गार्डन पर चल रहे भागवत ज्ञानयज्ञ सप्ताह में व्यक्त किए। कथा में प्रतिदिन मनोहारी भजनों का जादू भी भक्तों को आल्हादित कर रहा है। प्रारंभ मंे आयोजन समिति की ओर से सतीशकुमार मित्तल, सुभाष गोयल बजरंग, वेदप्रकाश अग्रवाल, सुनील मित्तल, संदीप अग्रवाल आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। कथा मंे आज दोपहर 3 से सांय 7 बजे तक श्रीराम एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के जीवंत प्रसंग मनाए जाएंगे। कृष्ण जन्मोत्सव के लिए कथा स्थल को विशेष रूप से श्रृंगारित किया गया है। कथा 9 नवंबर तक होगी।
जीवन को संवारने की कला है धर्म कनाड़िया रोड स्थित वैभव नगर में चल रही भागवत कथा मंे आज राम एवं कृष्ण जन्मोत्सव